चंद्रयान-3 अच्छी दशा में है और चांद पर लैंडिंग के लिए अहम चरण की ओर बढ़ रहा है.

Chandrayaan-3 के लिए आखिरी 100 KM का सफर बेहद नाजुक

इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा- यान को चंद्रमा पर 100 किमी के परिक्रमा पथ से सतह की ओर लाना बेहद नाजुक चरण

चंद्रयान-3 अभी चंद्रमा के चारों ओर 170  गुणा 4313 किमी के दीर्घवृत्ताकार पथ पर परिक्रमा कर रहा है.

ऑर्बिट में बदलाव के अगले चरण नौ अगस्त और 17 अगस्त को हैं प्रस्तावित

इन चरणों के जरिए यान चांद की सतह से महज 100 किमी ऊंचे वृत्ताकार परिक्रमा पथ(ऑर्बिट) पर लाया जाएगा

23 अगस्त को लैंडर विक्रम चंद्रमा की सतह पर उतारा जा सकता है.

सोमनाथ ने बताया समस्याएं लैंडर की सतह से सही पोजीशन का अनुमान लगाने के साथ शुरू होती हैं, जिसे पथ निर्धारण प्रक्रिया कहा जाता है.

 अगर पथ निर्धारण प्रक्रिया सही रहती है, तो बाकी प्रक्रियाएं आसानी से पूरी की जा सकेंगी.

14 जुलाई को इसरो ने किया था चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण