Chandrayaan-3: आखिरी 100KM का सफर बेहद नाजुक, जानें कब बदला जाएगा रास्ता?
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (ISRO) द्वारा लॉन्च किए गए चंद्रयान-3 की दशा और दिशा अब तक अच्छी कंडीशन में हैं
इस महीने के तीसरे हफ्ते में चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर पहुंचेगा, और वहां स्पेसक्रॉफ्ट से लैंडर चांद पर लैंड करेगा
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष S सोमनाथ ने चंद्रयान-3 मिशन को लेकर कई अहम बातें बताई हैं
इसरो के अध्यक्ष का कहना है कि चंद्रयान-3 को चंद्रमा पर 100 किमी के परिक्रमा पथ से सतह की ओर लाना बेहद नाजुक चरण होगा
चंद्रयान-3 के परिक्रमा पथ में बदलाव के अगले चरण 9 अगस्त और 17 अगस्त को प्रस्तावित हैं
इन चरणों के जरिये चंद्रयान-3 चांद की सतह से महज 100 किमी ऊंचे वृत्ताकार परिक्रमा पथ पर लाया जाएगा
23 अगस्त को चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम चंद्रमा की सतह पर उतारा जा सकता है
इसरो अध्यक्ष के मुताबिक, चंद्रमा के 100 किमी तक करीब पहुंचने में वे चंद्रयान-3 के लिए कोई मुश्किल नहीं देख रहे.
चंद्रयान-3 की समस्याएं अब लैंडर की चांद की सतह से सही पोजीशन का अनुमान लगाने के साथ शुरू होंगी. इसे पथ निर्धारण प्रक्रिया कहा जाता है.
अगर चंद्रयान-3 की पथ निर्धारण प्रक्रिया सही रहती है, तो बाकी प्रक्रियाएं आसानी से पूरी की जा सकेंगी