Lander Vikram: खतरे से बचने के लिए लैंडर विक्रम में लगे ये सिस्टम

Vikram Lander 17 अगस्त 2023 की दोपहर करीब 1 से डेढ़ बजे के बीच प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग हो गया हैं

विक्रम लैंडर एक ऐसा अंतरिक्षयान है, जो चांद के चारों तरफ चक्कर लगाकर उसकी सतह पर उतरेगा

लैंडर के पेट में ही प्रज्ञान रोवर (Pragyan Rover) रखा है. जो लैंडिंग के करीब 15 से 30 मिनट बाद दरवाजा खुलने पर बाहर आएगा

पिछली बार की तुलना में इस बार लैंडर को ज्यादा मजबूत, ज्यादा सेंसर्स के साथ बनाया गया है. ताकि चंद्रयान-2 जैसा हादसा न हो

इसके अलावा 800 न्यूटन थ्रॉटेबल लिक्विड इंजन लगे हैं. 58 न्यूटन ताकत वाले अल्टीट्यूड थ्रस्टर्स एंड थ्रॉटेबल इंजन कंट्रोल इलेक्ट्रॉनिक्स हैं

विक्रम लैंडर के इंटीग्रेटेड सेंसर्स और नेविगेशन परफॉर्मेंस की जांच करने के लिए उसे हेलिकॉप्टर से उड़ाया गया था

विक्रम लैंडर के लेग मैकेनिज्म परफॉर्मेंस की जांच के लिए लूनर सिमुलेंट टेस्ट बेट पर कई बार इसे गिराया गया

विक्रम लैंडर में चार पेलोड्स लगे हैं. पहला रंभा, दूसरा चास्टे (ChaSTE), तीसरा ल्सा (ILSA) और चौथा लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर एरे (LRA) है

विक्रम लैंडर जिस समय चांद की सतह पर उतरेगा, उस समय उसकी गति 2 मीटर प्रति सेकेंड के आसपास होगी