सिर्फ रक्षाबंधन के दिन खुलते हैं इस मंदिर के द्वार, बहुत मुश्किल है सफर

कुछ दिनों में रक्षाबंधन का फेस्टिवल आने वाला है. बाजारों में रौनक, खरीदारी और  जश्न की तैयारियों में जुट गए हैं

वैसे त्योहारों से धार्मिक स्थलों का भी कनेक्शन है. भारत में मंदिर कई हैं पर कुछ ऐसे हैं जिनसे अलग ही कहानी या धारणा जुड़ी हुई है

चलिए आपको बताते हैं ये मंदिर कहां मौजूद है और यहां कैसे पहुंचा जा सकता है

हम बात कर रहे हैं वंशीनारायण मंदिर की जो उत्तराखंड के चमोली जिले में मौजूद है. यहां जाने के लिए चमोली में उर्गम घाटी का रुख करना पड़ता है

कहा जाता है कि लोकल्स यही पर राखी के त्योहार का जश्न भी मनाते हैं. त्योहार को मनाने से पहले लोग मंदिर में पूजा करते हैं

भगवान विष्णु ने राजा बलि के अहंकार को चूर करने के लिए वामन अवतार लिया. इस बीच राजा बलि ने भगवान विष्णु को अपना द्वारपाल बनाने का वचन मांगा

माता लक्ष्मी उन्हें वापस लाना चाहती थीं और इसलिए उन्हें नारद मुनि ने राजा बलि को रक्षा सूत्र बांधने का उपाय दिया

कहते हैं कि भगवान विष्णु के वामन अवतार को यहां मुक्ति मिली थी. मंदिर के पास ही लोग प्रसाद बनाते हैं जिसके लिए हर घर से मक्खन तक आता है

ये मंदिर उर्गम गांव से 12 किलोमीटर दूर है. यहां पहुंचने के लिए कुछ किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है

ट्रेन से जा रहे हैं तो आपको हरिद्वार ऋषिकेश रेलवे स्टेशन उतरना होगा. वैसे ऋषिकेश से जोशीमठ की दूरी करीब 225 किलोमीटर है