इस मिशन के तहत एक स्पेसक्राफ्ट भेजा जा रहा है जो कि एक निश्चित दूरी पर रुका रहेगा और वहां चक्कर लगाते हुए ही सूरज का अध्ययन करता रहेगा.
धरती से लॉन्च किए जाने के बाद आदित्य L-1 मिशन को अपने लैग्रेंज प्वाइंट तक पहुंचने में 125 दिनों तक का समय लग जाएगा.
इस मिशन के साथ कुल 7 पेलोड भेजे जाएंगे. ये उपकरण फोटोस्फेयर, क्रोमोस्फेयर और सूरज की बाहरी परतों का अलग-अलग अध्ययन करेंगे.