कर्नाटक के गडग जिले में एक ऐसा गांव है जहां लोग हिंदू और मुस्लिम एकता की मिशाल पेश कर रहे हैं

इस गांव का नाम है कोरीकोप्पा  

कुछ साल पहले प्लेग और हैजा फैलने की वजह से लोग गांव छोड़कर चले गए थे

मंदिर में पूजा करने वाला कोई नहीं बचा तो कुछ मुस्लिम परिवारों ने मंदिर में पूजा-अर्चना शुरू कर दी

कोरीकोप्पा गांव के बुजुर्गों ने मुसलमानों के लिए पूजा और अन्य अनुष्ठानों के संचालन की जिम्मेदारी संभाली

ये जिम्मदारी आज भी मुसलमानों के हाथों है और वे इसका पालन कर रहे हैं

इस मंदिर में सैकड़ों लोग रोजाना आते हैं

गांव में हिंदू और मुस्लिम हमेशा से ही शांतिपूर्ण तरीके से रहते आ रहे हैं

सभी ग्रामीण, अपनी जाति और पंथ की परवाह किए बिना मंदिर में आते हैं

ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन में कोरीकोप्पा में कभी कोई सांप्रदायिक झगड़ा नहीं देखा