इसरो ने विक्रम लैंडर के कुछ सर्किट्स को सोने नहीं दिया था. वो जग रहे थे, तो लगातार संपर्क किया जा रहा है.
इसरो ने अब कहा है कि विक्रम और प्रज्ञान ऑटोमैटिकली जग जाएंगे.
इसरो चीफ डॉ. एस सोमनाथ ने कहा है कि हमें परेशान होने की जरुरत नहीं है.
दरअसल, विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर में ऐसी तकनीक भेजी गई है, कि जैसे ही वो पूरी तरह से सूरज की रोशनी से ऊर्जा हासिल कर लेंगे.
वो खुद-ब-खुद जग जाएंगे. यानी ऑटोमैटिकली एक्टिव हो जाएंगे. वैज्ञानिकों को बस पृथ्वी से उन पर नजर रखनी है.
बहरहाल, किसी भी दिन विक्रम और प्रज्ञान से अच्छी खबर आ सकती है. सूरज के ढलने यानी शिव शक्ति प्वाइंट पर फिर से अंधेरा होने से पहले खुशखबरी आ सकती है.
22 सितंबर 2023 को नीलेश देसाई ने कहा था कि इसरो चंद्रयान-3 को यानी लैंडर-रोवर को 23 सितंबर को जगाने का प्रयास करेगा.
नीलेश देसाई अहमदाबाद स्थित इसरो के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के डायरेक्टर हैं. उनका कहना है कि फिलहाल चांद पर लैंडर-रोवर निष्क्रिय हैं.