इन महाराजा की थी 25 हजार करोड़ की संपत्ति, पोते ने किया दावा

फरीदकोट के अंतिम शासक हरिंदर सिंह बराड़ 25,500 करोड़ रुपये की शाही संपत्तियों के मालिकाना हक के लिए 2022 में कानूनी लड़ाई जीत चुके हैं.

कानूनी लड़ाई के बाद सितंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने हरिंदर सिंह बराड़ की बेटियों और उनके भाई को संपत्ति में हिस्सेदारी देने के हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है.

हरिंदर सिंह बराड़ के भाई कंवर मंजीत इंदर सिंह के पोते मरिंदर सिंह ने 25,500 करोड़ रुपये की शाही संपत्तियों में अपनी 33.33 प्रतिशत हिस्सेदारी का दावा करते हुए चंडीगढ़ अदालत में निष्पादन याचिका दायर की है.

भंडारी ने आवेदन में दावा किया है कि सितंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने हरिंदर सिंह बराड़ की बेटियों और उनके भाई को संपत्ति में हिस्सा देने के एचसी के आदेश को बरकरार रखा था.

सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ की एक ट्रायल कोर्ट को हितधारकों के बीच संपत्तियों के बंटवारे के लिए एक डिक्री निष्पादित करने का भी निर्देश दिया था.

हरिंदर सिंह बराड़ फरीदकोट की तत्कालीन रियासत के अंतिम शासक थे. बराड़ और उनकी पत्नी नरिंदर कौर की तीन बेटियां और एक बेटा था. उनके बेटे की 1981 में मृत्यु हो गई थी.

अपने बेटे हरिंदर सिंह की मृत्यु के बाद बराड़ अवसाद में चले गए और उनकी वसीयत लगभग सात-आठ महीने बाद निष्पादित की गई.

उनकी बेटी अमृत कौर ने 1992 में वसीयत को चुनौती देते हुए और इसकी प्रमाणिकता पर सवाल उठाते हुए चंडीगढ़ जिला अदालत में एक दीवानी मुकदमा दायर किया था. 

2013 में अदालत ने महारावल खेवाजी ट्रस्ट के पक्ष में वसीयत को अवैध, अस्तित्वहीन और शून्य घोषित कर दिया और बराड़ की बेटियों को विरासत प्रदान की.