इजरायल और हमास की जंग ने इस दुनिया को एक बार फिर विभाजन की धुरी पर ला खड़ा किया है.
एक तरफ पश्चिमी देश जहां इजरायल के समर्थन में खड़े हो गए हैं. वहीं, इस्लामिक देश फिलिस्तीन का समर्थन कर रहे हैं.
भारत में ईरान के राजदूत Iraj Elahi ने इजरायल-हमास जंग, ईरान की भूमिका और दुनिया पर होने वाले प्रभाव के बारे में बात की है
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई वह पहले नेता थे, जिन्होंने इजरायल पर हमास के हमले की सराहना की थी और संसद में जश्न मनाया.
ईरानी राजदूत इराज इलाही का कहना है कि ईरान बेशक इस जंग में फिलिस्तीन के साथ खड़ा है, लेकिन खुद जंग में नहीं उतरा है.
इराज इलाही ने कहा- मीडिया का एक बड़ा वर्ग जानबूझकर सच को नजरअंदाज कर रहा है, फिलिस्तीन की आवाज को नहीं उठाया जा रहा.
इराज इलाही ने मुस्लिमों का पक्ष लेते हुए कहा- इन लोगों का कसूर सिर्फ इतना है कि ये लोग फिलिस्तीन में पैदा हो रहे हैं.
इलाही ने कहा- इजरायल को हिजबुल्लाह की ताकत का अंदाजा नहीं है, हमें इसका इल्म है. हिजबुल्लाह लेबनान में एक वैध और मान्यता प्राप्त संगठन है.
इजरायल पर इस हमले को उसकी सेना और इंटेलिजेंस की हार बताते हुए ईरानी राजदूत ने कहा कि यह इजरायल की नाकामी है.
इलाही ने हमास के हमले पर कहा- हमारे सुप्रीम नेता ने कहा है कि यह इजरायल के चेहरे पर तमाचे जैसा है.