भारत में तेजी से कम हो रहा है जमीन के अंदर पानी, आने वाला है संकट!

भारत गंगा, जमुना जैसी पवित्र नदियों का देश कहा जाता है. यहां पानी की समृद्धता इसे और सुंदर बनाती है.

लेकिन इसी सुंदर और समृद्ध देश को गांवों और शहरों में पानी की बर्बादी किसी और दिशा में खींच रही है.

संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को की एक रिपोर्ट की मानें तो साल 2025 तक भारत में पानी की समस्या बहुत ज्यादा बढ़ सकती है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि जल संरक्षण की कमी, प्रदूषण, अतिक्रमण, शहरीकरण और ग्लेशियर पिघलने के कारण आने वाले समय में हिमालयी नदियों का प्रवाह कम हो जाएगा. 

रिपोर्ट में ये भी दावा है कि एशिया का 80 प्रतिशत क्षेत्र पानी की कमी से जूझ रहा है. जिसमें पूर्वोत्तर चीन, भारत और पाकिस्तान पर ये संकट काफी ज्यादा है.

समग्र जल प्रबंधन सूचकांक (सीडब्ल्यूएमआई) की रिपोर्ट के अनुसार, इस समय भारत के प्रमुख 21 शहरों में लगभग 10 करोड़ लोग पानी की भीषण परेशानी का सामना कर रहे हैं. 

देश में साल 1994 में पानी की उपलब्धता प्रति व्यक्ति 6 हजार घन मीटर थी जो साल 2025 तक घटकर 1600 घन मीटर रह जाने की संभावना जताई गई है.

चिंता की बात ये भी है कि सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया की 26 प्रतिशत जनसंख्या साफ पानी न मिलने से परेशान है. पश्चिमी एशिया और अफ्रीका के बहुत से देश पानी की समस्या से जूझ रहे हैं.