Diwali पर क्यों दी जाती है इतनी सोन पापड़ी, जानें इतिहास

दिवाली का जश्न इस बार कल यानी 12 नवंबर को मनाया जाएगा. त्योहार की रौनक भाई दूज तक रहती है. 

इस पर खाई जाने वाली मिठाइयों में सोन पापड़ी सबसे पॉपुलर है.

चीनी और बेसन से बनने वाली सोन पापड़ी को भारत में सोहन हलवा, सोहन पापड़ी और पतीसा के नाम से भी जाना जाता है.

दिवाली पर इसे काफी गिफ्ट में दिया जाता है. कहते हैं कि पश्चिमी महाराष्ट्र में सबसे पहले इसे बनाया गया था.

ये तुर्की की मिठाई pismaniye से मिलती जुलती है. कुछ लोगों को मानना है कि सोनपापड़ी तुर्की की मिठाई है.

ऐसा माना जाता है कि सोन पापड़ी को महाराष्ट्र के लोगों ने तैयार किया था. धीरे-धीरे ये गुजरात, पंजाब और राजस्थान में बनाए जाने लगी.

दिवाली पर सोनपापड़ी चर्चा में आ जाती है और इस कारण मीम्स तक बनते हैं. टेस्ट में बेस्ट सोनपापड़ी आसानी से मिल जाती है इसलिए इसे गिफ्ट में ज्यादा दिया जाता है.

सोनपापड़ी को ज्यादा पसंद इसलिए भी किया जाता है क्योंकि ये जल्दी खराब नहीं होती है. सही से स्टोर किया जाए तो इसका स्वाद लंबे समय तक ठीक रहता है.

सोन पापड़ी को दिवाली पर सबसे ज्यादा दिए जाने का कारण इसका सस्ता दाम भी है. महंगाई के इस दौर में मिठाई का कम प्राइज लोगों को अट्रैक्ट करता है.