क्या होती है कृत्रिम बारिश, कैसे काम करता है सिस्टम

दिल्ली के वायु प्रदूषण को कम करने के लिए IIT कानपुर की मदद से दिल्ली सरकार कृत्रिम बारिश कराने की सोच रही है.

कृत्रिम बारिश क्या है और आखिर यह कैसे काम करेगा, चलिए आज हम आपको बताते हैं.

आर्टिफिशियल बारिश के लिए बादलों का होना जरूरी है. बादल होने पर 20-21 दिसंबर को ये प्लान सफल हो सकता है.,

कृत्रिम बारिश के लिए क्लाउड सीडिंग होती है जिसके तहत बादलों में केमिकल डाला जाता है जो कि बारिश कराता है.

ये केमिकल न्यूक्लाई की तरह काम करते हैं जिनके आसपास पानी की बूंदे बन सकती हैं.

बता दें कि किसी खास इलाके में बारिश कराने से लेकर सूखे से निपटने में यह तकनीक कारगर होती है.

आर्टिफिशियल बारिश कराने के चलते दिल्ली को प्रदूषण के मुद्दे पर राहत मिल सकती है.

इस कृत्रिम बारिश को कराने में दिल्ली सरकार की जेब काफी ढीली होगी और उसे करीब 13 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे.