इस मुस्लिम देश में नहीं है सबसे बड़ी इस्लामिक पार्टी को चुनाव लड़ने की इजाजत
सुप्रीम कोर्ट ने देश की सबसे बड़ी इस्लामी पार्टी, बांग्लादेश जमात ए-इस्लामी के 2013 के फैसले को पलटने की अपील को खारिज कर दिया है.
पार्टी को धर्मनिरपेक्षता के संवैधानिक प्रावधानों के उल्लंघन की वजह से चुनाव लड़ने से रोक दिया गया था.
सुप्रीम कोर्ट के अपीलीय डिवीजन की पांच सदस्यीय बेंच ने अपने फैसले में हाई कोर्ट के पिछले फैसले को बरकरार रखा.
बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी ने 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ देश के स्वतंत्रता संग्राम का विरोध किया था. इसके लिए 2013 में पार्टी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग उठी.
2009 में सत्ता में आने के बाद से, प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार में पार्टी के शीर्ष नेताओं को प्रतिबंधित करने की मांग उठी.
पार्टी के मुख्य वकील अदालत में पेश नहीं हुए और उन्होंने सुनवाई छह हफ्ते के लिए टालने की मांग की थी लेकिन कोर्ट ने वकील की यह मांग खारिज कर दी.
बांग्लादेश एक मुस्लिम देश है लेकिन कानूनी ढांचा धर्मनिरपेक्षता पर आधारित है.
ऐसे में जमात-ए-इस्लामी जैसी पार्टियों को कट्टर माना जाता है.
गौरतलब है कि संयुक्त राज्य अमेरिका बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी को एक उदारवादी इस्लामी पार्टी मानता है.