इस श्राप की वजह से समुद्र का पानी है खारा, जानिए पौराणिक कथा

अगर आप समुद्र का पानी पीकर चेक करेंगे तो खारा लगेगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि समुद्र का पानी खारा क्यों है.

अगर आप नहीं जानते हैं तो हम आपको पूरी जानकारी देने जा रहे हैं. किस श्राप के कारण समुद्र का पानी खारा हो गया था.

इसको लेकर एक पौराणिक कथा में पूरी विस्तार से जानकारी दी गई है.

जब इसके बारे में हमने अपने ज्योतिषाचार्य पंडित नारायण हरि शुक्ला से बात की तो उन्होंने इसके बारे में एक जरूरी रहस्य बताया है.

पौराणिक कथाओं में समुद्र का भी धार्मिक महत्व बताया गया है कि समुद्र मंथन के अलावा समुद्र का जल खारा होने के पीछे भी कुछ रहस्य हैं.

पौराणिक कथाओं की मानें तो पूर्व में समुद्र का पानी दूध की तरह सफेद और मीठा था, लेकि अब समुद्र का पानी खारा हो चुका है और यह किसी भी व्यक्ति के लिए पीने योग्य नहीं है.

शिव महापुराण के अनुसार, भगवान शिव को पाने के लिए हिमालय पुत्री पार्वती ने कठोर तपस्या की थी, उनकी तपस्या के तेज से तीनो लोक भयभीत हो उठे.

जब माता पार्वती की तपस्या पूरी हुई तब समुद्र देव ने देवी उमा से विवाह की करने की इच्छा जाहिर की. उमा ने समुद्र देव की भावनाओं का ध्यान रखते हुए कहा कि मैं पहले से ही भगवान शिव से प्रेम करती हूं.

जब समुद्र देव ने महादेव का अपमान किया तो माता पार्वती भोलेनाथ का अपमान सहन न कर सकीं. इसके बाद माता पार्वती को समुद्र देव पर बहुत गुस्सा आया.

इसी गुस्से में उन्होंने समुद्र देव को श्राप दे दिया कि जिस मीठे जल पर तुम्हें इतना अभिमान और घमंड है. वह जल खारा हो जाएगा और तुम्हारे समुद्र का पानी कोई भी मनुष्य ग्रहण नहीं करेगा.