भारत की ये 3 रेलवे लाइन्स है बेहद खूबसूरत, यूनेस्को ने दिया है विश्व धरोहर का दर्जा

आज हम आपको तीन ऐसी रेलवे लाइन्स के बारे में बताएंगे जहां जाकर आपको आनंद आ जाएगा.

ये रेलवे लाइनें सुंदर पहाड़ियों से गुजरती हैं, जिनको आप कभी नहीं भूलेंगे.

आइये इन 3 रेलवे लाइनों के बारे में जानते हैं, जिनसे यात्रा करना एक सुखद अनुभव है.

कालका-शिमला टॉय ट्रेन, शिमला तक पहुंचने का एक लोकप्रिय तरीका है. यह रेलवे लाइन 1903 में पूर्ण हुई थी और यह भारत में सबसे सुंदर ट्रेन यात्राओं में से एक है. यह 96 किलोमीटर की दूरी को तय करती है.

20 रेलवे स्टेशनों, 103 सुरंगों, 800 पुलों, और अद्भुत 900 कर्वों के माध्यम से जाती है. चंडीगढ़ के पास स्थित कालका से पूर्ण यात्रा का समय लगभग 5 घंटे है. इस यात्रा के दौरान आप कई सुंदर दृश्यों देख सकते हैं.

यह भारत में एकमात्र मीटर गेज रैक रेलवे है. ऊटी हिल स्टेशन की यात्रा का एक हाइलाइट नीलगिरी माउंटेन रेलवे पर चलने वाली टॉय ट्रेन है, जिसे ब्रिटिश ने चेन्नई तक पहुंचने के लिए बनाया था.

यह रेलवे लाइन चट्टानी भूमि और घने वन्यप्रद पहाड़ियों के बीच बनी है. 46 किलोमीटर की ट्रैक मेट्टुपालयम से ऊटी के रास्ते कूनूर के माध्यम से चलती है और 32 पुलों और 16 सुरंगों से गुज़रती है. सबसे अच्छे दृश्य मेट्टुपालयम से कूनूर तक हैं.

दार्जिलिंग टॉय ट्रेन, आधिकारिक रूप से दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे के नाम से जाना जाता है, यह भारत की ऐतिहासिक पहाड़ी रेलवे में से सबसे पुराना है.

आज हम आपको तीन ऐसी रेलवे लाइन्स के बारे में बताएंगे जहां जाकर आपको आनंद आ जाएगा.