मकर संक्रंति पर प्रभु श्रीराम की उड़ाई पतंग जब इन्द्रलोक पहुंची तो...
श्री रामचरितमानस में इस बात का जिक्र है कि भगवान श्रीराम ने पतंग उड़ाई थी
अपने बाल्यकाल में प्रभु श्रीराम ने मकर संक्राति के दिन पतंग उड़ायी थी
भगवान श्रीराम की पतंग उड़ते-उड़ते इन्द्रलोक में पहुंच गयी
पतंग सुन्दरता देख उनके अंदर उसे उड़ाने वाले व्यक्ति को देखने की इच्छा प्रबल हो उठी
पतंग कटने के बाद भगवान श्रीराम ने हनुमान जी से पतंग को ढूंढकर लाने के लिए कहा
हनुमान जी पतंग को ढूंढते-ढूंढते इंद्रलोक पहुंच गये
वहां जयंत की पत्नी से जब उन्होंने पतंग मांगा तो उन्होंने प्रभु श्रीराम को देखने के बाद पतंग देने की बात कही
हनुमान जी ने यह बात श्रीराम को बताई तो भगवान श्रीराम ने कहा कि अपने वनवास काल के दौरान वह जयंत की पत्नी को दर्शन देंगे
हनुमान जी से प्रभु श्रीराम का यह आश्वासन पाकर जयंत की पत्नी ने वह पतंग वापस कर दी