यहां रखी है उर्दू में अनुवादित रामायण, रसायन लगाकर किया गया सुरक्षित

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है

प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जोर शोर से तैयारियां चल रही हैं

वहीं भारत में एक जगह ऐसी भी है जहां उर्दू में लिखित श्रीरामचरित मानस रखी हुई है

यह जगह कहीं और नहीं बल्कि यूपी का देवबंद हैं

जहां एशिया के सबसे बड़े मदरसे दारुल उलूम के पुस्तकालय में उर्दू में लिखित वालंमीकि रामायण और श्रीरामचरित मानस संग्रहीत हैं

1921 में श्रीरामचरित मानस का उर्दू अनुवाद  महर्षि स्वामी शिव बरत लाल बर्मन (एमए) ने किया था

वहीं 1321 पेज के इस अनुवाद को लाहौर के जेएस संत सिंह एंड संस ने प्रकाशित किया था

वहीं महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखित आदिकाव्य रामायण का 272 पेज में उर्दू अनुवाद भी यहां पर रखा हुआ है

1949 में कीर्तन कलानिधि बानी भूषण नाटिया आचार्य महाकवि शिव नारायण तसकीन ने इसका अनुवाद किया था

वहीं इसका प्रकाशन दिल्ली की गेलाराम एंड संस ने किया था

इन दोनों महाकाव्य को रसायन लगाकर सुरक्षित किया गया है