क्या होता है यम-नियम अनुष्ठान, जिसका पालन कर रहे हैं PM Modi?
22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी में पीएम मोदी ने खास अनुष्ठान रखा है.
शास्त्रों में ऐसा नियम है कि, मूर्ति स्थापना के मुख्य यजमान को कुछ कठोर नियमों का पालन करना पड़ता है, जिसे 'यम नियम' कहते हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने 11 दिनों तक यम नियम के पालन करने का संकल्प लिया है और वे 12 जनवरी से इस नियम का पालन कर रहे हैं.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि यम नियम आखिर होता क्या है और इसमें किन नियमों का पालन करना पड़ता है, चलिए जानते हैं-
शास्त्रों के अनुसार मूर्ति स्थापना या मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को पवित्र प्रक्रिया माना जाता है. इसलिए इसके कठोर नियम बनाए गए हैं.
इन नियमों का संबंध शास्त्रों से होता है. अष्टांग योग के आठ भाग (यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, भजन और समाधि) में यम नियम सबसे पहला नियम है.
कुछ लोग यम नियम को बोद्ध धर्म के पांच सिद्धांत (अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह) भी मानते हैं.
यम नियम में प्रतिदिन स्नान, अन्न त्याग, बिस्तर पर सोने का त्याग आदि जैसे कठोर नियम होते हैं.
नरेंद्र मोदी ने भी व्रत-संकल्प के साथ इस धार्मिक और शास्त्रीय प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने इस अनुष्ठान के लिए अन्न-जल दोनों का त्याग किया है. जल के स्थान पर प्रधानमंत्री एक नारियल पानी का सेवन कर रहे हैं.