आखिर 22 जनवरी को ही क्यों होगी रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा? वजह है खास 

22 जनवरी 2024 को भव्य उद्घाटन समारोह के साथ प्रभु को राम मंदिर में स्थापित किया जाएगा.

मेरी ही तरह आप सभी के मन में भी शायद एक सवाल आ रहा होगा कि आखिर प्राण-प्रतिष्ठा के लिए 22 तारीख का चुनाव ही क्यों किया गया है. आइए जानते है इसके बारे में-

दरअसल अगर हम ज्योतिष की मानें तो प्रभु श्री राम का जन्म अभिजीत मुहूर्त में हुआ था और यदि इस विशेष मुहूर्त में ही मूर्ति को स्थापित किया जाएगा तो प्रभु सदैव मूर्ति के भीतर विराजमान रहेंगे.

22 जनवरी को मृगशीर्ष नक्षत्र में अभिजीत मुहूर्त का शुभ संयोग बन रहा है, जिसमें राम मंदिर में मूर्ति स्थापित होगी.

अगर हम इसके शुभ समय की बात करें तो 22 जनवरी को दोपहर 11 बजकर 36 मिनट से लेकर 12 बजकर 24 मिनट तक कुल 48 मिनट का शुभ अभिजीत मुहूर्त प्राप्त हो रहा है.

मृगशीर्ष नक्षत्र 22 जनवरी को सुबह 5 बजकर 15 मिनट से 23 जनवरी की सुबह 5 बजकर 36 मिनट तक रहेगा.

मूर्ति की स्थापना के लिए इतनी लंबी अवधि का अभिजीत मुहूर्त सिर्फ 22 जनवरी को ही प्राप्त हो रहा है, इसलिए वह तिथि सबसे ज्यादा शुभ मानी जा रही है.

पौष के महीने को ऐसा समय माना जाता है जब शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. ऐसे में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा इसी महीने में की जा रही है.

दरअसल अगर हम शास्त्रों की मानें तो किसी भी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए सबसे शुभ समय पौष को ही माना जाता है.

मान्यता यह भी है कि इस महीने में प्राण प्रतिष्ठा करने से उस राज्य की वृद्धि तो होती ही है और वहां रहने वाली प्रजा को भी लाभ मिलता है

इसी वजह से अयोध्या राम मंदिर की मूर्ति की स्थापना के लिए पौष महीने का निर्धारण किया गया है.