अयोध्या में रामलला की मूर्ति को मंदिर में स्थापित देखने का समय अब नजदीक आ रहा है और भक्तों के मन में खुशी की लहर है.
इस दिन अभिजीत मुहूर्त तो रहेगा ही, साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग जैसे शुभ योगों का भी निर्माण होगा.
प्रतिदिन का मध्य-भाग अभिजीत मुहूर्त कहलाता है. यह मध्य से पहले और बाद में 2 घड़ी अर्थात 48 मिनट का होता है.
पौराणिक कथाओं की मानें तो प्रभु श्री राम का जन्म भी अभिजीत मुहूर्त में हुआ था. दिन में 11.45 से 12.45 तक के समय को हम अभिजीत मुहूर्त कहते हैं.