ईरान को नक्शे से मिटा देंगे बाइडेन? सैनिकों की मौत से गुस्से में US Army

ईरान समर्थित आतंकवादियों द्वारा किए गए एक आत्मघाती ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी सैनिक मारे गए और एक दर्जन से अधिक घायल हो गए.

इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सभी जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया.

उन्होंने कहा कि हम आतंकवाद से लड़ने की उनकी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाएंगे और इसमें कोई संदेह नहीं है हम उन सभी जिम्मेदार लोगों को एक समय पर और अपनी पसंद के तरीके से जवाबदेह ठहराएंगे.

7 अक्टूबर के हमलों के बाद ईरान समर्थित आतंकवादी समूह हूती (यमन में स्थित) और इजराइल के बीच संघर्ष शुरू हुआ.

इसलिए पश्चिम एशिया में अमेरिकी सेना पर हमले अधिक हो गए हैं. उन पर इराक, सीरिया, जॉर्डन और यमनी तट पर 150 से अधिक बार हमला किया गया है.

हालांकि, हाल ही में सीरिया के साथ जॉर्डन की उत्तरपूर्वी सीमा के पास एक सुदूर चौकी पर हुए हमले तक कोई हताहत नहीं हुआ था.

इससे अब बाइडेन को तेहरान के साथ सीधे युद्ध का जोखिम उठाए बिना ईरान समर्थित मिलिशिया के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने की अनुमति मिल गई है.

भारतीय सेना के तोपखाने के पूर्व महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल पी रविशंकर ने कहा कि प्रॉक्सी के माध्यम से अमेरिका पाकिस्तान, अफगानिस्तान और इजराइल के माध्यम से भी अपने प्रतिनिधि उत्पन्न कर सकता है.

यह ईरान के बाहर हत्या का प्रयास भी कर सकता है. सबसे खराब स्थिति में, वे मिसाइल या हवाई हमला कर सकते हैं. उन्होंने ऐसा पहले भी किया है.