'ज्ञानवापी मस्जिद बहुत पुरानी रही है..', बोले मुलायम के बेटे अखिलेश यादव, सपा सुप्रीमो के इस बयान का सोशल मीडिया पर विरोध

इन दिनों हिंदू-मुस्लिमों के बीच ज्ञानवापी का मुद्दा गर्मा रहा है, हाल ही में अदालत ने हिंदुओं को वहां पूजा का पुन: अधिकार दिया

हिंदुओं को ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में मिले अधिकार से विपक्षी दलों के कुछ नेता आग-बबूला हो गए हैं

यूपी के पूर्व CM और सपा के संस्थापक मुलायम सिंह के बेटे अखिलेश यादव का भी एक बयान वायरल हो रहा है

अखिलेश एक वीडियो में ज्ञानवापी के बारे में ये कहते सुने जा सकते हैं, कि 'ज्ञानवापी मस्जिद बहुत पुरानी रही है..', ये मुस्लिम तुष्टिकरण बताया जा रहा है

दरअसल, ज्ञानवापी हिंदु अनुयायियों में मंदिर के रूप में हजारों वर्षों से पूजनीय रहा है, लेकिन कुछ सौ पहले यहां इस्लामिक आक्रांता ने मस्जिद बनवा दी थी 

अब देश में मुस्लिम समुदाय के लोग ज्ञानवापी को मस्जिद कहते हैं और वे मुगलों द्वारा बनवाए गए ढांचे में नमाज अदा करते हैं

लेकिन जब कोई ज्ञानवापी के ढांचे को देखने वाराणसी जाता है तो वहां स्पष्ट दिखता है कि ढांचे की दीवार प्राचीन हिंदू मंदिर की हैं, साथ ही वहां मूर्तियां भी दिखती हैं

अदालत के आदेश पर सरकारी एजेंसी ASI ने ज्ञानवापी के ढांचे का आर्कियोलॉजिकल सर्वे किया..जिसके बाद ये उजागर हो गया कि ज्ञानवापी पहले मंदिर ही था

सनातन धर्म के ग्रंथों में वर्णित है कि ज्ञानवापी भगवान शिव का प्रतीक है, जिसका तात्पर्य है 'ज्ञान का कुआं', हिंदू इसे वापस पाना चाहते हैं.