अबूधाबी मंदिर के साथ यूएई ने दिया एक और उपहार, चीन को लग सकती है मिर्ची

पीएम मोदी ने अपने यूएई दौरे में  संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के साथ एक समझौता किया है. 

अबू धाबी में हिंदू मंदिर के उद्घाटन के बाद यूएई की तरफ से भारत को मिला यह दूसरा बड़ा तोहफा है जिससे चीन की चिंताएं बढ़ गई है.

यूएई के साथ इस समझौते से स्पष्ट होता है कि भारत इसे लेकर गंभीर है और आने वाले समय में इस पर काम जल्द शुरू हो सकता है.

IMEC कॉरिडोर एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है जो भारत, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, जॉर्डन, इजरायल से होते हुए यूरोप तक जाएगा. 

प्रोजेक्ट के तहत समुद्री लेन और रेल नेटवर्क का जाल बिछाया जाएगा जो भारत को मध्य-पूर्व के जरिए यूरोप से जोड़ेगा. 

इस प्रोजेक्ट का मकसद व्यापार को बढ़ावा देना और माल ढुलाई के समय और खर्च में कमी लाना है.

पिछले साल भारत में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिका और अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर भारत ने इसकी आधिकारिक घोषणा की थी. 

इस कॉरिडोर को चीन के 'बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव' (BRI) का टक्कर माना जा रहा है. जाहिर है कि चीन इस कॉरिडोर में किसी भी प्रगति को देखकर चिंतित होगा.

पीएम मोदी के यूएई दौरे के पहले दिन यानी मंगलवार को भारत और यूएई ने 10 समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया.

पीएम मोदी की यूएई यात्रा के दौरान, द्विपक्षीय निवेश संधि पर भी समझौते हुए और दोनों देशों ने बिजली कनेक्शन और डिजिटल बुनियादी ढांचे पर मिलकर काम करने का वादा किया गया.

साल 2015 से पीएम मोदी का यह सातवां यूएई दौरा था जिसमें उन्होंने यूएई के राष्ट्रपति को अपना भाई बताया.