कौन थे आचार्य विद्यासागर महाराज? पीएम मोदी भी लेते थे आशीर्वाद

जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज का रविवार को निधन हो गया

पूर्ण जागृतावस्था में उन्होंने आचार्य पद का त्याग करते हुए 3 दिन का उपवास लिया था और अखंड मौन धारण कर लिया था

जिसके बाद उन्होंने प्राण त्याग दिए, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आचार्य विद्यासागर महाराज कौन थे?

जैन आचार्य विद्यासागर महाराज जैन धर्म के एक महान संत और समाज सुधारक थे

उनका जन्म 10 अक्टूबर 1946 को कर्नाटक के बेलगावी जिले के सदलगा में हुआ था

उनका जन्म का नाम विद्याधर था. उनके पिता का नाम मल्लप्पाजी अष्टगे (मुनिश्री मल्लिसागरजी) और माता का नाम आर्यिकाश्री समयमतिजी था

आचार्य विद्यासागर के चार भाई और दो बहने भी थीं

आचार्य विद्यासागर महाराज एक अत्यंत श्रद्धेय दिगंबर जैन आचार्य (दिगंबर जैन भिक्षु) हैं जो अपनी असाधारण विद्वता,

गहन आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि और तपस्या और अनुशासन के जीवन के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के लिए पहचाने जाते थे

उन्होंने छोटी उम्र से ही आध्यात्मिकता को अपना लिया और 21 साल की उम्र में राजस्थान के अजमेर में दीक्षा लेने के लिए सांसारिक जीवन त्याग दिया था

आचार्य विद्यासागर महाराज जैन शास्त्रों और दर्शन के अध्ययन और अभ्यास में गहराई से डूबे हुए थे

संस्कृत, प्राकृत और कई आधुनिक भाषाओं में उनकी महारत ने उन्हें कई व्यावहारिक कविताएं और आध्यात्मिक ग्रंथ लिखने में सक्षम बनाया था