Hinglaj Mata Mandir: 1947 में भारत के टुकड़े कर बना PAK तो हमसे दूर हो गई ये पवित्र जगह

क्या आपने हिंगलाज माता मंदिर के बारे में सुना है? ये कहां पर है और कितना पुराना है, जानिए आज

सनातन धर्म के पुराणों में उल्लेख मिलता है कि श्रीराम ने रावण को मारा था तो लंका से लौटकर वे हिंगलाज माता की तीर्थयात्रा के लिए निकले

त्रेतायुग में श्रीराम के साथ लक्ष्मण, हनुमानजी और मां सीता भी तीर्थयात्रा पर निकलीं, वो रास्ता दुर्गम था..उनको प्यास लगी

तब मां सीता ने धरती को स्पर्श कर हिंगलाज माता से विनती की कि जल निकलने दें, इस तरह वहां कई कुंड और कुएं उभरे

उनकी मदद से श्रीराम और उनके साथी रेगिस्तान में से लंबी यात्रा कर हिंगलाज माता के मंदिर तक पहुंचे

श्रीराम ने अपनी यात्रा को चिह्नित करने के लिए देवी के मंदिर के पास की गुफाओं में सूर्य और चंद्र की कई छवियां बनवाईं

हमारा पौराणिक इतिहास बताता है कि वो जगह आज पाकिस्तान में है, जिसे हिंगलाज माता मंदिर कहते हैं

यह मंदिर आज भी पाकिस्तान का महत्वपूर्ण मंदिर है और कई समुदाय के लोग उसकी तीर्थयात्रा करते हैं.