अकड़ दिखाने के बाद भी भारत ने मालदीव में क्यों नहीं बंद किए प्रोजेक्ट?
राजनयिक तनाव के बीच मालदीव में भारत की परियोजनाओं में तेजी आई है.
एक तरफ भारत सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए मालदीव के बजट में बढ़ोतरी की है.
वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत ने मालदीव में परियोजनाओं पर लगभग 7.71 अरब खर्च किया है. यह राशि बजट में प्रस्तावित 4 अरब रुपये से लगभग दोगुना है.
वर्तमान वित्तीय वर्ष में मालदीव के बजट में बढ़ोतरी और पिछले वित्तीय वर्ष में बजट से दोगुना खर्च इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि मालदीव में अक्टूबर में हुए आम चुनाव में मुइज्जू की जीत के बाद से ही दोनों देशों के बीच राजनयिक तनाव चरम पर है.
राष्ट्रपति मुइज्जू और उनकी पार्टी को चीन समर्थक बताया जाता है.
राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की ओर से भारतीय सैनिकों को देश छोड़ने की मांग के बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में खटास आई है.
भारत के एक शीर्ष अधिकारी और सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 यानी मार्च में समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के दौरान भारत ने मालदीव में परियोजनाओं पर लगभग 7.71 अरब रुपये खर्च किया है.
मामले से अवगत एक अधिकारी का कहना है कि दोनों देशों के बीच उत्पन्न हुए राजनयिक तनाव के बावजूद भारत का डेवलपमेंट प्रोजेक्ट बंद नहीं हुआ है या किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है.
रिपोर्ट के मुताबिक, मालदीव में भारत के डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में राजधानी माले के आस-पास सड़कों और पुलों के लिए 500 मिलियन डॉलर और दूर-दराज के द्वीपों में दो हवाई अड्डे के लिए 130 मिलियन डॉलर की राशि आवंटित की गई है.