संकष्टी चतुर्थी पर इन चीजों का करें दान, हर संकट होगा दूर

फाल्गुन मास की संकष्ट चतुर्थी व्रत कल यानी 28 फरवरी, बुधवार को रखा जाएगा. इसे द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी भी कहा जा रहा है. 

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने से जीवन में आ रही तमाम प्रकार की बाधाएं खत्म हो जाती हैं. साथ ही भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है. 

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी की विशेष पूजा-अर्चना करने से खास लाभ मिलता है. इसके अलावा इस दिन दान करने का भी खास महत्व है.

दान गणेश चतुर्थी के दिन जरुरतमंदों के बीच खाने-पीने की वस्तुओं का दान करना चाहिए. इसके साथ ही इस दिन पशु-पक्षियों को भी दाना-डालना चाहिए.

गणेश चतुर्थी के दिन गरीब या जरुरतमदों के बीच फल, अनाज, कपड़े या बर्तन दान कर सकते हैं. जबकि, गाय, कुत्ते, बिल्ली, बकरे को चारा, दूध, रोटी दें. 

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी पर पशु पक्षियों को चावल, गेहूं और बाजरा जैसे दूसरे अनाज भी छत पर दे सकते हैं. ये काम भी दान के रूप में जाना जाता है.  

पूजा-विधि द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह उठकर नहाएं और उसके बाद साफ कपड़े पहनें. भगवान गणेश को तिल मिला हुआ जल चढ़ाएं.

भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए पूरे दिन व्रत रखें. शाम के समय गणपति की विधिवत पूजा करें.

गणपति को मोदक या बूंदी के लड्डू अर्पित करें. रात में जब चंद्रोदय हो जाए तो उन्हें अर्घ्य देकर व्रत का पारण करें.