रूस में जमकर वोटिंग, क्या पुतिन के लिए खतरे की घंटी?

रूसी राष्ट्रपति चुनाव के लिए तीन दिनों तक चलने वाली वोटिंग का कल (16 मार्च) दूसरा दिन था.

चुनाव प्रचार शुरू होने के बाद से ही रूस के लोगों में चुनाव को लेकर कोई उत्साह नहीं दिख रहा था.

इस बार रूस में वोटिंग परसेंटेज में रिकॉर्ड गिरावट देखने मिलेगी.

लेकिन चुनाव आयोग की ओर से जारी आकड़ों के मुताबिक, देश में दूसरे दिन तक 50 फीसदे से ज्यादा मतदान हो चुका है

इस बार मतदान 15 मार्च से 17 मार्च तक तीन दिनों तक चलेगा, उम्मीद की जा रही है कि मतदान के आकड़ों में और बढ़ोत्तरी हो सकती है.

2020 में रूसी सरकार द्वारा लाए गए संवैधानिक रिफोर्म को बाद ये पहला चुनाव है. रिफोर्म के बाद व्लादिमीर पुतिन का 2036 तक राष्ट्रपति बने रहने का रास्ता साफ हो गया था.

इस चुनाव में चार उम्मीदवार पुतिन के सामने चुनाव लड़ रहे हैं, जिसमें लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के लियोनिद स्लटस्की, कम्युनिस्ट पार्टी के निकोले खारिटोनोव और न्यू पीपल पार्टी की ओर सेव्लादिस्लाव दावानकोव शामिल है.

लेकिन हर बार की तरह इस बार भी उम्मीद की जा रही है कि व्लादिमीर पुतिन ही पांचवी बार राष्ट्रपति की कुर्सी संभालेंगे.

दोपहर 3 बजे तक मतदान प्रक्रिया प्रबावित होने की कोई खबर नहीं मिली है, पूरे देश में शांतिपूर्वक मतदान हो रहा है. उन्होंने ये भी बताया कि देश में 39 लाख से ज्यादा लोगों ने मतदान किया है.