बलूचिस्तान को लेकर चीन की साजिश का चला पता, यह है ड्रैगन के मंसूबे

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में चीन एक के बाद एक प्रोजेक्ट्स शुरू कर रहा है, जिसे लेकर स्थानीय लोग खुश नहीं हैं.

बलूचिस्तान में इन प्रोजेक्ट्स के जरिए चीनियों की भी एंट्री हो रही है.

प्रोजेक्ट्स के लिए इंजीनियर और मजदूर चीन से ही बुलाए जा रहे हैं और इनकी संख्या तेजी से बढ़ रही है.

आने वाले सालों में चीनी नागरिकों की संख्या भी स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय बन सकती है.

अगले 24 सालों में चीनी नागरिकों की संख्या स्थानीय लोगों से ज्यादा हो जाएगी. एक रिपोर्ट में इसका अनुमान लगाया गया है.

बलूचिस्तान में चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) ड्रैगन का सबसे बड़ा इनवेस्टमेंट है. इस प्रोजक्ट के तहत बलूचिस्तान में बाहरी लोगों का आगमन हुआ है

परियोजना को पूरा करने के लिए प्रांत में चीनी मजदूरों और इंजीनियरों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.

अगले 24 साल में या 2048 तक बलूचिस्तान में चीनी नागरिकों की आबादी ज्यादा हो सकती है.

सीपीईसी चीन की महत्वकांक्षी परियोजना है. इसे विदेश में  चीन का सबसे बड़ा इनवेस्टमेंट माना जा रहा है. 

इसके तहत, 2030 तक पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट से चीन के शिनजियांग तक 3,218 किमी लंबा रूट तैयार किया जा रहा है. इस रूट में हाइवे, रेलवे, एयरपोर्ट और पाइपलाइन भी शामिल हैं.