पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से लगातार परेशान करने वाली खबरें आ रही हैं. वहां के लोगों का आरोप है कि पाकिस्तान उनसे सौतेला व्यवहार करता है. 

मार्च में यूनाइटेड कश्मीर पीपल्स नेशनल पार्टी के कार्यकर्ताओं ने यह बात UN में उठाई थी. उन्होंने यहां तक कह दिया कि पाकिस्तान उनके यहां टैरर कैंप चला रहा है.

कथित तौर पर पाकिस्तानी प्रशासन PoK के लोगों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करता और न ही उनकी जरूरतें पूरा करता है. 

पीओके का एक हिस्सा और है, जो गिलगित-बल्टिस्तान कहलाता है. ये टुकड़ा लद्दाख की सीमा से लगा हुआ है. 

सामरिक लिहाज से पूरा का पूरा पीओके काफी जरूरी है क्योंकि इसका बॉर्डर कई ऐसे देशों से सटा है, जिनके भारत से खास अच्छे संबंध नहीं, जैसे अफगानिस्तान, चीन और खुद पाकिस्तान. 

केंद्र सरकार लगातार पीओके पर पाकिस्तान के अवैध कब्जे का मुद्दा उठाते हुए अपना दावा पेश करती रही.

पाकिस्तान ने आजाद कश्मीर हथिया तो लिया, लेकिन उसपर ज्यादा ध्यान नहीं दिया क्योंकि ये विवादित क्षेत्र था. 

पाकिस्तान का इसके साथ रवैया कुछ वैसा ही है, जैसे घर के सामने अतिक्रमण की हुई जमीन के साथ घरवालों का होता है. 

वे उसपर कब्जा तो कर लेते हैं, लेकिन कोई स्थाई स्ट्रक्चर बनाने या बाड़ बनाने से डरते हैं. कहीं न कहीं वे जानते हैं कि आगे चलकर वे फंस सकते हैं.

करीब 13 हजार किलोमीटर में फैले आजाद कश्मीर में 40 लाख से ज्यादा आबादी है. ये लोग अपना मंत्रिमंडल और अपनी सरकार की बात करते हैं

कुदरती तौर पर पीओके भारतीय कश्मीर जितनी ही सुंदर है. हालांकि वहां टूरिज्म, खासकर विदेशियों का आना नहीं के बराबर है. 

इसकी वजह ये है कि पीओके न तो आजाद है, न ही पूरी तरह से पाकिस्तान इसे अपना सका. इससे पीओके लगातार बदहाल होता चला गया.