इन कार्यों को करने के बाद मनुष्य का स्नान करना बेहद जरूरी, जानें वजह

हमारे शास्‍त्रों में स्‍नान ध्‍यान के महत्‍व पर काफी जोर दिया गया है. जिस प्रकार से ध्‍यान करने से व्‍यक्ति का मन शुद्ध होता है.

वैसे तो मनुष्‍य को रोजाना कम से कम 2 बार स्‍नान करना चाहिए. प्रात:कालीन पूजा से पहले स्‍नान अवश्‍य करना चाहिए और और शाम को संध्‍यावंदन से पहले भी स्‍नान अनिवार्य माना गया है. 

इसके अलावा भी शास्‍त्रों में कुछ विशेष परिस्थितियों में स्‍नान को अत्‍यंत जरूरी बताया गया है. आइए जानते हैं कौन सी हैं ये अवस्‍थाएं...

यह नियम विशेष रूप से पुरुषों पर लाग होता है. पुरुषों को हजामत करवाने के बाद और बाल कटवाने के बाद घर आकर तुरंत स्‍नान कर लेना चाहिए.

हजामत करवाने या बाल कटवाने से पूरी पर महीन छोटे-छोटे बाल चिपक जाते हैं. इससे संक्रमण होने की आशंका बढ़ जाती है.

स्‍नान करने से शरीर शुद्ध हो जाता है और गंदगी निकल जाती है. किसी भी वजह से व्‍यक्ति को वमन होने पर उसे तुरंत स्‍नान कर लेना चाहिए. 

माना जाता है कि वमन होने पर व्‍यक्ति का शरीर अशुद्ध हो जाता है. स्‍नान कर लेने के बाद ही शुद्धि प्राप्‍त होती है

शास्‍त्रों में बताया गया है कि स्‍त्री और पुरुष दोनों को संभोग के बाद तुरंत स्‍नान कर लेना चाहिए. संभोग के बाद शरीर अपवित्र माना जाता है.

पूजापाठ करने लायक नहीं रहता है. अत: इस काम के बाद स्‍त्री और पुरुष दोनों को ही स्‍नान कर लेना चाहिए.

शास्‍त्रों में बताया गया है कि मृत्‍यु के तुरंत बाद ही मनुष्‍य का शरीर अशुद्ध माना जाता है. इसके स्‍पर्श खतरनाक विषाणु आपको भी नुकसान पहुंचा सकते हैं.