मोदी के मुरीद क्यों हुए मुइज्जू के मंत्री? करने लगे भारत की तारीफ
भारत और मालदीव के बीच पिछले कुछ समय से टेंशन बढ़ी हुई है.
इस विवाद की शुरुआत मालदीव के तीन मंत्रियों के पीएम मोदी पर दिए गए बयान से हुई थी.
हालांकि मालदीव सरकार ने बाद में दावा किया था कि तीनों मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया गया है.
लेकिन पीएम मोदी पर अभद्र टिप्पणी के बाद भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया था. जिसके बाद मालदीव के कई मंत्रियों और विपक्ष के नेताओं ने राष्ट्रपति मुइज्जू को घेरना शुरू कर दिया था.
विपक्ष का कहना था कि भारत हमारा सबसे अच्छा मित्र है और उसके साथ संबंध बनाए रखना बहुत जरूरी है. क्योंकि हर मुसीबत में इंडिया ने मालदीव का साथ दिया है.
अब एक बार फिर से भारत मालदीव के साथ खड़ा हुआ दिखाई दे रहा है.
मालदीव के अनुरोध पर भारत ने जरूरी सामानों के निर्यात को मंजूरी दे दी है.
निर्यात की मंजूरी मिलने पर मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने भारत के विदेश मंत्री और भारत सरकार को 'ईमानदारी' से धन्यवाद दिया है.
मूसा जमीर ने कहा कि भारत सरकार ने कोटा का नवीनीकरण करके मालदीव को वर्ष 2024 और 2025 के दौरान भारत से आवश्यक वस्तुओं के आयात में सक्षम बनाया है.