यूएस ने ईरान को कह दिया 'स्टेट-स्पॉन्सर ऑफ टेररिज्म', जानें क्या हैं इसके मायने
मिडिल ईस्ट में आई अस्थिरता एक बार फिर दुनिया को परेशान कर रही है.
नालिस्ट अंदेशा जता रहे हैं कि युद्ध की चिंगारी कहीं आग में न बदल जाए.
इस बीच ईरान के कई ऐसे संगठनों का नाम आ रहा है, जो लगातार पड़ोसी देशों को परेशान करते रहे.
इस संगठनों के साथ दिलचस्प बात ये है कि खुद ईरान की सरकार इन्हें बढ़ावा दे रही है. या फिर बढ़ावा न दे तो भी नकेल कसने जैसा कुछ नहीं कर रही.
यही सब देखते हुए यूएस ने साल 1984 में ईरान को स्टेट-स्पॉन्सर ऑफ टेररिज्म कह दिया.
यूएस स्टेट डिपार्टमेंट ये उपाधि देता है. फिलहाल ईरान के अलावा तीन और देश इस श्रेणी में हैं- क्यूबा, सीरिया और नॉर्थ कोरिया.
ये चारों ही देश वे हैं, जिनसे अमेरिका का संबंध तनावभरा रहा. इस कारण से स्टेट डिपार्टमेंट विवादों में भी रहता आया है.
बहुत से देश आरोप लगाते हैं कि अमेरिका हर उस देश की सरकार को आतंकवाद को पोसनेवाले की लिस्ट में डाल देती है, जिससे उसके रिश्ते खराब हों.
मसलन, क्यूबा और उत्तर कोरिया की सरकारें टैररिस्ट ग्रुप्स की एक्टिव सपोर्टर नहीं, लेकिन सिर्फ अमेरिका के खिलाफ होने की वजह से वे लिस्ट में आ गए.