बराड़ के विरोधी गैंगस्टर अर्श डल्ला और लखबीर ने गोल्डी की हत्या की जिम्मेदारी ली है. दोनों ने दावा किया है कि गोल्डी पर उन्होंने दुश्मनी के चलते गोलियां चलवाई हैं.
साल 2010 में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई पंजाब यूनिवर्सिटी के कैंपस में गोल्डी बराड़ से मिला था, कहा जाता है कि बराड़ से मिलने के बाद बिश्नोई में गैरकानूनी कामों को लेकर आकर्षण बढ़ा.