वो भारतीय जनरल जिसके कारण 90 पाकिस्तानी सैनिकों को टेकने पड़े घुटने, जानें

साल 1971 में हुई भारत-पाकिस्तान की जंग को भला कैसे कोई भूल सकता है.

बांग्लादेश की स्वाधीनता में भारतीय सेना का महत्वपूर्ण योगदान रहा, वरना शायद आज भी पूर्वी पाकिस्तान में लोग बदतर जिंदगी जी रहे होते.

हालांकि, पूर्वी पाकिस्तान के अलग होते ही पूरी दुनिया ने भारत का लोहा मान लिया था. इसमें भारतीय सेना और उसके अफसरों का अहम योगदान था. 

उन्हीं लेफ्टनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा की पुण्यतिथि पर आइए जान लेते हैं पूरा किस्सा.

भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के बाद से ही पूर्वी पाकिस्तान में रहने वाले लोगों पर अत्याचार होने लगे थे और वे आजादी के लिए कसमसा रहे थे.

साल 1971 आते-आते भारत में पूर्वी पाकिस्तान से आने वाले शरणार्थी समस्या बनने लगे थे.

ऐसे में भारत ने तय किया कि पूर्वी पाकिस्तान को आजाद कराया जाए और इसके लिए खास ऑपरेशन तैयार किया गया.

इस ऑपरेशन के नेतृत्व का जिम्मा भारतीय सेना की पूर्वी कमांड के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा को सौंपा गया था.

हालांकि, भारतीय सेना नहीं चाहती थी कि इसके लिए किसी तरह की जंग लड़नी पड़े, क्योंकि वह इसके लिए तैयार नहीं थी.

फिर भी पाकिस्तान था कि बाज नहीं आ रहा था. अंतत: पाकिस्तान ने भारत पर हमला कर दिया तो भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया.