वरुथिनी एकादशी 2024: कल गलती से भी ना करें ये 5 काम 

सनातन धर्म में एकादशी व्रत का खास महत्व है. वैशाख कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरुथिनी एकादशी कहा जाता है.

पंचांग के अनुसार, वरुथिनी एकादशी, शनिवार 4 मई 2024 को पड़ने वाली है. शास्त्रों के मुताबिक, वरुथिनी एकादशी व्रत रखने के कई लाभ हैं.

वरुथिनी एकादशी व्रत का पारण रविवार, 5 मई को किया जाएगा. इस दिन सुबह 6 बजकर 8 मिनट से 8 बजकर 43 मिनट के बीच का समय पारण के लिए शुभ है.

वरुथिनी एकादशी के दिन भूल से भी चुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए. अगर तुलसी का पत्ता तोड़ना बहुत जरूरी है तो एकादशी से एक दिन पहले ही तोड़कर रख लेना चाहिए.

पौराणिक मान्यता के अनुसार, तुलसी में मां लक्ष्मी का वास होता है. एकादशी के दिन मां लक्ष्मी भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. इसलिए इस दिन तुलसी में जल अर्पित नहीं करना चाहिए.

एकाशी के दिन पका हुआ चावल (भात) खाने से बचना चाहिए. इसके अलावा इस दिन बैंगन खाने से भी परहेज करना चाहिए. कहा जाता है कि एकादशी के दिन भात और बैंगन का सेवन करने से दोष लगता है. 

वरुथिनी एकादशी के दिन तमासिक भोजन करने से बचना चाहिए. इस दिन लहसुन, प्याज, नॉनवेज और शराब इत्यादि का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए. 

मान्यता है कि इस ऐसा करने से मन अशांत रहता है और मानसिक कष्टों का सामना करना पड़ता है.

वरुथिनी एकादशी के दिन किसी से भी लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहिए. इसके अलावा इस दिन किसी को अपशब्द कहने से भी बचना चाहिए.