समंदर की ऊंची लहरों के साथ-साथ अपनी सर्फिंग बोर्ड के साथ लहरों से टकराना बेहर ही खौफनाक नजारा है, लेकिन 38 साल के सेबेस्टियन स्टुडटनर को यह सब सुकून देता है.

दरअसल, जर्मन में जन्में सेबेस्टियन स्टुडटनर ने 9 साल की उम्र में पहली बार सर्फिंग की थी, जिसके बाद उन्हें सर्फिंग से बेहद लगाव हो गया. 

इस शख्स ने बताया कि, एक प्रोफेशनल सर्फर बनना चाहते हैं और 13 साल की उम्र में देखे इस सपने को सच करने के लिए स्टुडटनर ने 3 साल के बाद ही हवाई की तरफ अपना रुख मोड़ लिया. 

स्टुडटनर ने बताया कि वहां पर एक स्थानीय सर्फर से उन्होंने सर्फिंग सीखनी शुरू कर दी. उस दिन के बाद से अब तक स्टुडटनर का यह सफर चलता ही जा रहा है.

ऊंचाइयों को छूती हुई लहरों के बीच वह 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सर्फिंग करने के बाद अपने अनुभव को साझा किया है. 

अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने बताया कि यह बाहरी लोगों को देखने में जितना डरावना लगता है, मेरे लिए वह उतना ही शांति और सुकून से भरा हुआ है. 

जर्मन के पास सबसे ऊंची लहरों के बीच सर्फिंग करने का रिकॉर्ड है. स्टुडटनर ने साल 2020 में 86 फुट की ऊंची लहरों पर सर्फिंग करने का रिकॉर्ड बनाया था.

हाल ही में उन्होंने खुद ही तोड़ दिया, हालांकि अभी तक इसे लेकर कोई ऑफिशियल अनाउंसमेंट नहीं की गई है. स्टुडटनर ने हाल ही में पुर्तगाल के फेमस सर्फिंग स्पॉट नाजारे पर सर्फिंग करते नजर आए.

उस दौरान समंदर में उठी उन लहरों को मॉन्स्टर वेव मानी जा रही है, इन लहरों की ऊंचाई 93.72 फीट मापी गई है. अब यह नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनेगा या नहीं, इस बारे में अधिकारी जांच कर रहे हैं. 

स्टुडटनर ने बताया कि साल 2020 में रिकॉर्ड बनाने के बाद उन्हें पता चला कि वह अभी और मेहनत करके और विज्ञान को और अच्छी तरह समझने के बाद अपने ही रिकॉर्ड क तोड़ सकते हैं.