वेणुगोपालन गोविंदन ने 2021 में अपनी 20 वर्षीय बेटी करुण्या को खो दिया था. उन्होंने कहा कि ये स्वीकार करने में बहुत देरी हुई है. इस बीच में कई सारे लोगों की जान चली गई.

दरअसल, दुनिया की टॉप दवा कंपनियों में शामिल एस्ट्राजेनेका के एक खुलासे से दुनियाभर में हड़कंप मचा हुआ है.

इसी बीच कोरोनाकाल में भारत में एक दंपति ने आरोप लगाया है कि कोविशील्ड की डोज लेने के बाद ही कथित तौर पर उनकी बेटी की मौत हो गई है. 

कोविशील्ड वैक्सीन से बेटी की मौत को लेकर दंपति ने अब ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका पर मुकदमा करने की तैयारी में है. 

दरअसल, कोरोनाकाल में ऋतिका श्री ऑम्ट्री और करुण्या की मौत हो गई थी. दोनों लड़कियों ने कोविशील्ड वैक्सीन लगवाई थी. 

करुण्या की जुलाई 2021 में मौत हुई थी. वेणुगोपालन गोविंदन का कहना था कि उनकी बेटी करुण्या की कोविड टीका लगवाने के महीनेभर बाद मौत हो गई थी. 

इसी तरह, वैक्सीन लगने के दो हफ्ते बाद ऋतिका श्री ऑम्ट्री की भी मौत हो गई थी. दुखी माता-पिता विभिन्न अदालतों में न्याय के लिए लड़ रहे हैं.

यह पूरा विवाद एस्ट्राजेनेका के ब्रिटिश कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किए जाने के बाद सामने आया है. फार्मा कंपनी ब्रिटेन में कोर्ट केस का सामना कर रही है. 

कंपनी ने अदालत में जो दस्तावेज जमा किए हैं, उनमें स्वीकार किया है कि दुर्लभ मामलों में थ्रोम्बोसिस थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम यानी TTS हो सकता है. 

इस बीमारी से शरीर में खून के थक्के जम जाते हैं और प्लेटलेट्स की संख्या गिर जाती है. कंपनी ने जोर देकर कहा है कि बेहद दुर्लभ मामलों में ऐसा हो सकता है. 

रिपोर्ट में कहा गया था कि पीड़ितों और दुखी रिश्तेदारों ने मुआवजे की मांग की है, जिसकी कीमत 100 मिलियन पाउंड तक होने का अनुमान है.

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही एस्ट्राजेनेका बयान में कहा गया कि, कोविशील्ड वैक्सीन को जिस किसी ने भी कोरोना के दौरान लगवाया है उनमें ब्लड क्लॉट डिसऑर्डर का खतरा पैदा हो सकता है.