Sita Navami 2024: वो खास जगहें जहां जन्म से वनवास तक रहीं मां सीता

हिंदू पंचांग के मुताबिक वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को सीता नवमी के तौर पर मनाया जाता है. इस साल सीता नवमी गुरुवार 16 मई को मनाई जाएगी.

सीता माता को लेकर अक्सर लोगों के मन में यह सवाल उठता हो कि आखिर जन्म से लेकर वनवास तक माता सीता कहां-कहां रहीं. आइए, उन 7 जगहों के बारे में जानते हैं.

जनकपुर (नेपाल) सीता माता का पालन-पोषण राजा जनक की राजधानी जनकरपुर में हुई थी. बचपन से लेकर स्वयंवर तक माता सीता इस स्थान पर रहीं थीं. ये स्थान अब भी नेपाल में स्थित है.

पुनौरा धाम (बिहार) पुनौरा धाम बिहार के सीतामढ़ी से तकरीबन 5 किलोमीटर की दूरी पर है. कहा जाता है कि इस स्थान पर मां सीता का जन्म हुआ था. इस स्थान पर मां सीता का एक प्रसिद्ध मंदिर भी है. मान्यता है कि पुनौरा में ही राजा जनक को कलश में सीता मिली थीं.

अयोध्या (उत्तर प्रदेश) रामायण में अयोध्या के बारे में विस्तार से बताया गया है. अयोध्या भगवान राम का जन्मस्थान है. वनवास और रावण का वध करने के बाद भगवान श्री राम माता सीता को लेकर यहां लौटे थे. 

पंचवटी (नासिक) रामायण में नासिक को पंटवटी कहा गया है. मान्यतानुसार, इस जगह का नाम नासिक इसलिए पड़ा क्योंकि लक्ष्मण ने सूर्पनखा की नाक यहीं काटी थी. यहां स्थित सीता गुफा को दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. 

चित्रकूट (मध्यप्रदेश) पौराणिक मान्यता है कि वनवास के दौरान माता सीता, भगवान राम और लक्ष्मण 11 वर्ष तक चित्रकूट में रहे थे. यहां आज भी माता सीता के पैरों के चिह्न मौजूद हैं. 

लेपाक्षी (आंध्र प्रदेश) रामायण के मुताबिक, इस स्थान पर माता सीता को बचाने के लिए जटायु ने रावण से युद्ध किया था.

तलाईमन्नार (श्रीलंका) श्रीलंका का तलाईमन्नार वही जगह है जहां माता सीता को बचाने के लिए भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था.