क्या आपको पता है आइंस्टीन बनने वाले थे इजरायल के राष्ट्रपति? लेकिन...
अल्बर्ट आइंस्टाइन दुनिया के सबसे महानम वैज्ञानिकों में सबसे ऊपर आते हैं जिन्होने विज्ञान की रूपरेखा को पलट दिया
आपको शायद आइंस्टाइन का वैज्ञानिक तथ्य ही पता होंगे लेकिन उनसे जुड़ा एक तथ्य काफी मशहूर है
18 नवंबर, 1952 को अमेरिका ने आइंस्टाइन को इजराइल का राष्ट्रपति बनने की पेशकश की लेकिन आइंस्टाइन ने यह पेशकश ठुकरा दी थी
दरअसल, आइंस्टाइन को इजराइल के मंत्री डेविड गोयतन का पत्र आया, जिसमें लिखा था कि
वे राष्ट्रपति पद को स्वीकार कर लें और इजराइल चलें. सरकार उनके भावी वैज्ञानिक कार्य के लिए पूरा बंदोबस्त करेगी
इस पत्र को देख आइंस्टाइन इमोशनल हो गए. उन्होंने कहा कि मैं इस प्रस्ताव के प्रति आभार व्यक्त करता हूं पर मुझे इस बात का गहरा दुख है कि मैं इसे स्वीकार नहीं कर पाऊंगा
इसका कारण बताते हुए उन्होंने स्पष्ट कहा कि मेरे अंदर सरकारी दायित्वों को निभाने हेतु आवश्यक गुण व अनुभव नहीं हैं
हालांकि मेरा यहूदी भाइयों से अटूट लगाव है, पर इस दायित्व को निभाना मेरे सामर्थ्य के बाहर है
जिसके बाद उनके पत्र को अस्वीकार करने पर अनेक बाते भी हुई. लोगों ने कहा- शायद आइंस्टाइन किसी एक राष्ट्र के दायरे में बंद होकर नहीं रहना चाहते थे