राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के कहने पर 76 भारतीय सैनिकों की वापसी के बाद अब मालदीव की जबरदस्त बेइज्जती हुई है.

भारतीय सैनिकों की वापसी के कुछ दिनों बाद वहां के रक्षा मंत्री घासन मौमून ने कहा है कि देश की सेना के पास भारत से दान में मिले विमानों को चलाने लायक पायलट ही नहीं हैं.

यह टिप्पणी उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में मालदीव में तैनात भारतीय सैनिकों की वापसी और उनके स्थान पर भारत के असैनिकों के आने से जुड़े सवाल पर की.

रक्षा मंत्री ने कहा कि मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (एमएनडीएफ) के पास मालदीव का कोई सैन्यकर्मी नहीं है जो भारतीय सेना द्वारा दान में दिए गए तीन विमानों को संचालित कर सके.

रिपोर्ट्स के अनुसार ने रक्षा मंत्री ने कहा, यह एक प्रशिक्षण था जिसके लिए विभिन्न चरण को पार करना आवश्यक था, लेकिन हमारे सैनिक विभिन्न कारण से इसे पूरा नहीं कर पाए थे.

उनका कहना है कि इस समय हमारे सैन्य बल में कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसके पास दो हेलीकॉप्टर और डोर्नियर को उड़ाने के लिए लाइसेंस हो या पूरी तरह से उड़ान का प्रशिक्षण हो.

वहीं इससे पहले मोहम्मद मुइज्जू की पार्टी विपक्ष में थी तब वो दावा करते थे कि मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (एमएनडीएफ) के पास इन विमानों को चलाने में सक्षम पायलट मौजूद हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, भारत द्वारा दान किए गए एक सैन्य हेलीकॉप्टर और डोर्नियर विमान का संचालन मुख्य रूप से चिकित्सा के लिए किया जाता है.

बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद और अब्दुल्ला यामीन की सरकार के दौरान भारत से हेलीकॉप्टर और पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह की सरकार के दौरान डोर्नियर विमान मालदीव को दान में मिले थे.