क्या पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) का भारत में होगा विलय? जानें क्या हैं हालात
PoK में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, क्योंकि सामानों की ऊंची कीमतों के साथ बिजली बिलों तथा टैक्स में बढ़ोतरी के खिलाफ जारी हड़ताल का 13 मई को चौथा दिन था.
इसके बाद पाकिस्तान सरकार को इस क्षेत्र में बढ़ती अशांति को शांत करने के लिए तत्काल 23 अरब रुपये आवंटित करने के लिए मजबूर होना पड़ा.
विवादित क्षेत्र में बीते 11 मई को पुलिस और अधिकार आंदोलन के कार्यकर्ताओं के बीच झड़पें हुईं, जिसमें कम से कम एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए, जिनमें ज्यादातर पुलिसकर्मी थे.
बीते 10 मई को इस क्षेत्र में आंदोलन शुरू हुआ था, जिससे जनजीवन ठप हो गया है. लोग पाकिस्तान प्रशासन और पुलिस की क्रूरता के खिलाफ भी आंदोलित हैं.
घटनाक्रम से परिचित अधिकारियों ने बताया कि इन प्रदर्शनों के हिंसक दमन से संकेत मिलता है कि पाकिस्तान इस क्षेत्र पर अपनी पकड़ खो सकता है, जिस पर उसने दशकों से अवैध कब्जा कर रखा है.
PoK की राजधानी मुजफ्फराबाद के अलावा रावलकोट में लोगों की सेना और पुलिस के साथ झड़प की कई घटनाएं सामने आई हैं. लोगों ने यह भी बताया कि रावलकोट में भारत में विलय की मांग वाले पोस्टर सामने आए हैं.
अधिकारियों ने कहा कि विरोध प्रदर्शन में दो लोगों की मौत के कारण आंदोलन और भड़क उठा. लाठीचार्ज और आंसू गैस के संपर्क में आने से इनकी मौत हुई थी.
इस विरोध का नेतृत्व जम्मू कश्मीर संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (जेएएसी) कर रही है, जिसमें क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों के व्यापारी शामिल हैं. अगस्त 2023 में भी बढ़े हुए टैक्स को लेकर यहां हड़ताल की गई थी.
इधर, भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने एक चुनावी रैली में कहा कि मैं पूछना चाहता हूं कि अगर पाकिस्तान के पास परमाणु बम है तो क्या हमें PoK छोड़ देना चाहिए? हम बम से नहीं डरते, PoK भारत का है, इसे कोई हमसे छीन नहीं सकता.