भगवान कृष्ण के श्राप से बना पत्थर कालिया नाग, आज भी इस जगह पर है मौजूद

भगवान श्री कृष्ण ने ब्रज में बहुत सी लीलाएं की हैं. जिसमें से एक कालिया नाग मर्दन भी है.

भगवान श्रीकृष्ण ने यमुना को जहरीला बनाने वाले कालिया नाग का मर्दन कर मथुरा वासियों का उद्धार किया था.

मथुरा से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर जैंत गांव में आज भी कालिया नाग मौजूद है और वहां उसकी पूजा भी की जाती है.

मान्यता है कि कालिया नाग मंदिर में पूजा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है. कालिया नाग मंदिर में नाग पंचमी पर लक्खी मेला लगता है. पूरे देश से श्रद्धालु शामिल होने आते हैं.

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कालिया नाग यमुना नदी में एक कुंड बनाकर रहने लगा.

एक दिन श्री कृष्ण अपने सखाओं के साथ यमुना तट पर गेंद खेल रहे थें तभी उनकी गेंद जाकर यमुना में जा गिरी उस गेंद को

निकालने के लिए जब कान्हा नदी में जाने लगे तब उनके साथियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की.

भगवान श्री कृष्ण के साखाओं ने कहा कि नदी में कालिया नाग रहता है, लेकिन श्री कृष्ण जी ने उनकी एक बात न सुनी और नदी में कूद पड़े.

वहां कालिया नाग ने भगवान श्री कृष्ण को भी अपने विष का शिकार बनाने की कोशिश की लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाया.

लेकिन श्रीकृष्ण ने विषैले कालिया नाग को अपने वश में कर लिया.

भगवान श्री कृष्ण ने कालिया नाग को हराने के बाद उसे यमुना नदी और ब्रज को छोड़कर जाने का आदेश दिया.

भगवान श्री कृष्ण ने कालिया नाग से यह भी कहा कि यहां से जाते हुए तुम पीछे मुड़कर मत देखना नहीं तो तुम वहीं पर पत्थर के बन जाओगे.

भगवान श्री कृष्ण की बात सुनकर कालिया नाग वहां से जानें लाग कुछ दूर जाकर जैसे ही उसने पीछे मुड़कर देखा तो वह वहीं पर पत्थर का बन गया.