Ebrahim Raisi का निधन Iran के लिए कठिन क्षण, इन मुद्दों से पड़ेगा जूझना?

ईरान के राष्ट्रपति Ebrahim Raisi की आर्मेनिया और अजरबैजान की सीमाओं के करीब एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई है. हादसे में विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन की भी जान चली गई.

63 वर्षीय रईसी को एक कट्टरपंथी मौलवी माना जाता था, उन्हें ईरान के 80 वर्षीय सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के संभावित उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा था.

सत्ता के अपने तीन वर्षों में राष्ट्रपति रईसी ने मध्य-पूर्व में ईरान के प्रभाव का विस्तार करने के लिए काम किया था. देश के परमाणु कार्यक्रम में भी तेजी लाने का श्रेय उन्हें दिया जाता है.

हाल के वर्षों में मध्य-पूर्व के लिए पिछले कुछ महीने सबसे तनावपूर्ण रहे हैं. Israel के साथ Iran की दशकों पुरानी दुश्मनी इस समय आक्रामकता में बदल गई है. 

सीरिया में ईरानी राजनयिक परिसरों पर इजरायली बमबारी के बाद जवाब में बीते अप्रैल महीने में ईरान ने इजरायल पर एक बड़ा हवाई हमला किया था.

रईसी के नेतृत्व में ईरान रूस को सैन्य ड्रोन की आपूर्ति का एक प्रमुख स्रोत बनकर उभरा, जिसने यूक्रेन में रूस की सफल युद्ध रणनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

पिछले साल China ने राजनयिक संबंधों को बहाल करने के लिए ईरान और सऊदी अरब के बीच एक ऐतिहासिक समझौता किया था. इस घटनाक्रम ने भू-राजनीतिक समीकरणों में संभावित महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत दिया है.

घरेलू स्तर पर रईसी के सत्ता में रहने के दौरान धार्मिक पुलिस की हिरासत में एक कुर्द महिला Mahsa Amini की मौत के बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे. इसका सरकार ने सख्ती से जवाब दिया, जिसमें कई प्रदर्शनकारी मारे गए थे.

इनमें से हर एक मुद्दे पर अब ईरानी नेतृत्व उलझेगा. स्थिति में कोई बदलाव की उम्मीद नहीं है. हालांकि देश के भविष्य के घटनाक्रमों में America, सऊदी अरब और इजरायल की भूमिका महत्वपूर्ण होगी.