सिक्किम में एक बार फिर सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) की सत्ता में वापसी होती नजर आ रही है. रुझानों में पार्टी प्रचंड बहुमत हासिल करती हुई दिख रही है. 

भारत और इंग्लैंड के बीच 5 मैचों SKM ने कुल 32 विधानसभा सीटों में से 31 पर बढ़त बना रखी है. एक सीट पर एसडीएफ आगे है. वहीं बीजेपी और कांग्रेस अपना  खाता खोलने में भी नाकाम रहे. की टेस्ट सीरीज का आगाज हो चुका है.

अगर ये रुझान नतीजों में बदलते हैं तो SKM के लिए इस जीत का मतलब होगा कि सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग अपने लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए तैयार हैं.

चामलिंग की अगुवाई वाले SDF के संस्थापक सदस्य रहे प्रेम सिंह तमांग ने पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ बगावत कर 2013 में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा बनाया था. 

उन्होंने एसडीएफ पर भ्रष्टाचार और कुशासन का आरोप लगाया था. गठन के अगले ही साल 2014 के विधानसभा चुनावों में एसकेएम ने 10 सीटें जीती थीं

नेपाली भाषी माता-पिता कालू सिंह तमांग और धान माया तमांग के बेटे प्रेम सिंह तमांग का जन्म 5 फरवरी 1968 में हुआ था. 

उन्होंने दार्जिलिंग के एक कॉलेज से BA किया और एक सरकारी स्कूल में शिक्षक के रूप में काम करना शुरू किया.

तमांग ने समाज सेवा के लिए तीन साल की सेवा के बाद सरकारी नौकरी छोड़ दी और फिर एसडीएफ में शामिल हो गए. उनकी तीन दशक की राजनीतिक यात्रा काफी उतार चढ़ाव वाली रही है. 

वह 1994 से लगातार पांच बार सिक्किम विधानसभा के लिए चुने गए. उन्होंने 2009 तक एसडीएफ सरकार में मंत्री के रूप में कार्य किया. बाद में उन्होंने SDF  के सभी पदों से इस्तीफा देकर SKM प्रमुख के रूप में जिम्मेदारी संभाली.

2016 में तमांग को 1994 और 1999 के बीच सरकारी पैसे की हेराफेरी करने के लिए दोषी ठहराया गया था और बाद में विधानसभा में उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई थी. 

प्रेम सिंह तमांग राज्य के पहले ऐसे राजनेता थे जिन्हें सजा मिलने के बाद विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था.