श्रीराम ने ब्रह्म हत्या दोष से मुक्ति के लिए इस मंदिर में की थी पूजा

रावण का वध करने के बाद श्रीराम को बह्म हत्या का दोष लगा था. ब्रह्म हत्या दोष से मुक्ति पाने के लिए उन्होंने देवाधिदेव भगवान शिव की उपसना की थी. 

पौराणिक रामनाथस्वामी मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. यह शिव मंदिर खास वास्तु कला के लिए प्रसिद्ध है. 

इसके अलावा इस मंदिर खास धार्मिक महत्व भी है. इतना ही नहीं, रामेश्वरम् मंदिर द्वादश (12) ज्योतिर्लिंग में से एक है.

रामेश्वरम् या रामनाथस्वामी मंदिर तमिलनाडु में एक द्वीप पर स्थित है. कहा जाता है कि इस शिव मंदिर में पूजा करने के भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है.

यही वजह है कि यहां दर्शन के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं. मान्यता है कि इस मंदिर में पूजा करने से ब्रह्म हत्या दोष से मुक्ति मिल जाती है.

रामेश्वरम् मंदिर का इतिहास बेहद पुराना है. मान्यता है कि रावण का वध करने के बाद प्रभु श्रीराम जब अयोध्या लौट रहे थे तब उन्होंने रामेश्वरम् में शिवजी की पूजा-अर्चना की थी.

पौराणिक मान्यता है कि श्रीराम ने ब्रह्म हत्या दोष से मुक्ति पाने के लिए यहां शिवलिंग की पूजा की थी. एक पौराणिक कथा के मुताबिक, शिवजी की पूजा करने के लिए प्रभु श्रीराम ने भक्त हनुमान से शिवलिंग लाने को कहा. 

हनुमान जी समय पर शिवलिंग लेकर नहीं पहुंचे तो माता सीता ने बालू (रेत की मिट्टी) से शिवलिंग का निर्माण कर लिया. रामेश्वरम् में रेत से शिवलिंग बनने की परंपरा आज भी है.

रामनाथ स्वामी मंदिर में दो शिवलिंग स्थापित हैं. जिसके नाम विश्वलिंगम् और रामलिंगम हैं.

पौराणिक मान्यता के अनुसार, ‘रामलिंगम्’ माता सीता के द्वारा निर्माण किया गया. जबकि ‘विश्वलिंगम्’ शिवलिंग को हनुमान जी ने प्रभु श्रीराम के कहने पर कैलाश पर्वत से लाया था.