क्या आप जानते हैं ट्रेन कोच पर लिखे 5 डिजिट वाले कोड का मतलब?

भारतीय रेलवे के जरिए हर दिन लाखों लोग एक शहर से दूसरे शहर तक की अपनी यात्रा करते हैं.

सफर के दौरान आपने ध्यान दिया होगा कि ट्रेन नंबर में 5 डिजिट का ट्रेन नंबर होता है.

इन नंबरों के जरिए ही यात्री अपने ट्रेन की पहचान और ऑनलाइन उन्हें सर्च भी करते हैं. 

लेकिन क्या आप जानते हैं कि ट्रेन के हर कोच पर 5 डिजिट का कोड ही क्यों होता है और इसका मतलब क्या होता है. 

ट्रेन के हर कोच के ऊपर लिखे 5 डिजिट वाले नंबरों के जरिए यात्री अपने कोच को पहचानते हैं.

जैसे कोच नंबर के जरिए पता चलता है कि इस बोगी का निर्माण कब हुआ था और और अंतिम के तीन डिजिट इसकी कैटेगरी बताते हैं. 

उदारण के लिए किसी ट्रेन की बोगी पर 06497 नंबर लिखा है अब आपको इसे दो भाग में तोड़कर पढ़ना चाहिए. जैसे 06 बताता है कि यह बोगी 2006 में बनी थी.

अगर वहीं बोगी पर 15397 लिखा होता तो इस बोगी का निर्माण 2015 में हुआ होता. 

लेकिन आखिरी के तीन नंबर देखकर डिब्बे की श्रेणी का कैसे पता चलेगा? एसी, स्लीपर, जनरल आदि की एक रेंज दी हुई है.

001-025 एसी फर्स्ट क्लास, 101-150 एसी 3टी, 151-200 चेयरकार और 201-00 स्लीपर क्लास के लिए होता है. 

इसी तरह आखिरी तीन अंक 401-600 जनरल डिब्बा और 601-700 सेकेंड क्लास कोच की जानकारी देते हैं. 

अगर किसी कोच के आखिरी 3 अंक 800 या उससे ज्यादा है तो वो मेल कोच या जेनरेटर कोच या पैंट्री कार है.