आखिर किन बुरी आदतों से झेलना पड़ता है ग्रह-नक्षत्रों का दंश?

ज्योतिष शास्त्र के तमाम बड़े जानकार बताते हैं कि अगर किसी में शराब पीने की बुरी आदत है तो यह ग्रह-दोष का कारण बन सकती है. 

अक्सर ऐसा देखा गया है कि शराब के नशे में व्यक्ति गरीबों को सताता है, भला-बुरा कहता है, बुरा बर्ताव करने लगता है. ऐसा करने से कुंडली में शनि ग्रह कमजोर हो जाता है. 

जिसकी वजह से बुरे दिन शुरू हो जाते हैं. ज्योतिष में शनि ग्रह को न्याय का कारक माना गया है. जो लोग दूसरों के साथ अन्याय करते हैं, उन्हें बराबर बुरे समय से दो-चार होना पड़ता है. कष्टों को भी झेलना पड़ता है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सुबह देर से उठने पर भी कुंडली के ग्रह विपरीत प्रभाव दे सकते हैं. जो लोग सूर्योदय के बाद देर से उठते हैं उनकी कुंडली में सूर्य दोष उत्पन्न होने लगता है.

ज्योतिष में सूर्य को ग्रहों का राजा कहा गया है. इसके अलावा सूर्य एक मात्र जागृत देव हैं. जीवन में तरक्की और शोहरत पाने के लिए कुंडली में सूर्य का मजबूत होना बेहद जरूरी है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अपने से बड़े (ज्ञान, ओहदा, वर्ण, तजुर्बा) लोगों का अपमान करना घातक साबित हो सकता है. जो लोग अपने से बड़े या फिर गुरु का अपमान करते हैं उनकी कुंडली के मजबूत ग्रह भी कमजोर होने लगते हैं.

बड़े-बुजुर्ग और गुरु का निरादर करने से कुंडली में गुरु दोष उत्पन्न होता है. जिसकी वजह से कोई भी इंसान करियर में अनुकूल तरक्की नहीं कर सकता.

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, बेजुवानों को तंग करने से कुंडली का केतु ग्रह कमजोर होता है. जब कुंडली का केतु ग्रह कमजोर होता है तो व्यक्ति अपने जीवन में अशांत रहने लगता है. इतना ही नहीं, तमाम प्रकार की मानसिक परेशानियां घेर लेती हैं.