लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों में एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिला है और नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुन लिया है.

सूत्रों के मुताबिक नरेंद्र मोदी की अगुआई में नई सरकार 9 जून को शपथ लेगी. वहीं ये शपथ ग्रहण समारोह शाम 7:15 बजे आयोजित होगा.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि सरकार कैसे बनती है? आज हम आपको बताएंगे कि चुनाव की ताऱीख से शपथ ग्रहण करने तक क्या-क्या प्रकिया होती है.

मतगणना के बाद पीएम आवास पर बीते बुधवार को एनडीए की पहली बैठक हुई थी. इस बैठक में 16 पार्टियों के 21 नेता शामिल हुए थे.

इस बैठक में एनडीए गठबंधन के सभी नेताओं ने सर्वसम्मति से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए चुना है.

लोकसभा चुनाव के नतीजे लोकसभा के चुनाव में जनता अपने सांसद चुनती है. विभिन्न दलों या गठबंधनों के सांसदों की संख्या के आधार पर यह तय होता है कि कौन सरकार बनाने की स्थिति में है.

मंत्रिमंडल की आखिरी बैठक चुनाव परिणाम घोषित हो जाने के बाद अंतरिम सरकार अपनी आखिरी मंत्रिमंडल की बैठक करती है और उसमें सदन को भंग करने का प्रस्ताव पेश किया जाता है.

प्रधानमंत्री का इस्तीफा इसके बाद प्रधानमंत्री राष्ट्रपति के पास जाकर अपना इस्तीफा सौंपते हैं. इस्तीफे के बाद नियमों के अनुसार जब तक नई सरकार का गठन नहीं हो जाता, पुरानी सरकार काम करती रहेगी.

संसदीय दल की बैठक इस बीच, चुनकर आए सांसदों की संख्या के लिहाज से सबसे बड़े दल या गठबंधन की संसदीय बैठक होती है. इस बैठक में सभी सांसद मिलकर अपने नेता का चुनाव करते हैं, जो प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार होता है.

सरकार बनाने का दावा - संसदीय दल की बैठक के बाद सत्ता पक्ष राष्ट्रपति के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश करता है. गठबंधन सरकार होने की स्थिति में सभी घटक दलों की समर्थन की चिठ्ठी सौंपनी दी जाती है.

शपथ ग्रहण राष्ट्रपति महोदय के तरफ से सरकार बनाने की सहमति मिलने के बाद वो दल शपथ ग्रहण समारोह की तारीख और समय की घोषणा करता है.

मंत्रियों के विभागों का बंटवारा सरकार बनने के बाद पहली कैबिनेट मीटिंग में सरकार अलग-अलग सांसदों को विभागों के मंत्रियों का कार्यभार सौंपती है. हालांकि ये जरूरी नहीं है कि सरकार पहले कैबिनेट मीटिंग में ही सभी विभागों का बंटवारा करें.