क्या आप जानते हैं भगवान श्रीराम के हाथी का नाम?

रामायण में इस बात का जिक्र किया गया है कि श्रीराम के पास एक प्रिय हाथी भी था. जिसे उन्होंने दान में दे दिया था.  

कहते हैं कि भगवान राम को यह हाथी उनके मामा जी ने किया प्रदान किया था जो कि महाराज दशरथ को भी बेहद प्रिय था.

जब भगवान श्रीराम को 14 वर्षों का वनवास मिला था तो उन्होंने सुख-सुविधाओं की तमाम वस्तुएं और आभूषण दान कर दिए थे.

इस क्रम में उनके पास जो हाथी था उसको भी उन्होंने दान में दे दिया था. उन्होंने यह हाथी महर्षि वशिष्ठ के पुत्र को दान में दे दिया था.

जानकारी रहे कि महर्षि वशिष्ठ रघुकुल के पुरोहित थे. जिनकी आज्ञा का अक्षरशः पालन उस कुल में हुआ करता था. 

रामायण में इस बात का भी उल्लेख मिलता है कि भगवान राम ने वनवास को जाने से पहले ही हाथी का दान कर दिया था. 

भगवान श्रीराम ने वनवास के लिए प्रस्थान करने से पहले अपना प्रिय हाथी महर्षि वशिष्ठ के पुत्र सुयज्ञ को दान में दे दिया था. 

श्रीराम, वनवास जाने से पहले लक्ष्मण से सुयज्ञ को बुलाने के लिए कहा और जब सुयज्ञ राजमहल में पहुंचे तो उन्हें भगवान राम ने हाथी दान में दे दिया. 

भगवान श्रीराम ने जिस हाथी को सुयज्ञ को दान स्वरूप दे दिया उसका नाम 'शत्रुंजय' था. 

माता सीता ने वनवास जाने के क्रम में अपने आभूषण सुयज्ञ की पत्नी को दान कर दिए.